देखो और क्या रंग दिखाये ये २१ दिन। देखो और क्या रंग दिखाये ये २१ दिन।
अंधकार के रास्तों पर,,, दीप तुम प्रज्वलित करते रहो...!! अंधकार के रास्तों पर,,, दीप तुम प्रज्वलित करते रहो...!!
जल जाए दीप प्रेम का, मन जाए "वंदे" की दीपावली...! जल जाए दीप प्रेम का, मन जाए "वंदे" की दीपावली...!
मैंने कभी न रुकना सीखा, मैंने कभी न झुकना सीखा, मेरा दीपक सक्षम इतना, तूफ़ानों से जा टकराए। मैंने कभी न रुकना सीखा, मैंने कभी न झुकना सीखा, मेरा दीपक सक्षम इतना, तूफ़ानो...
नारी बनती दीप की ज्योति है ये रुके जीवन को देती गति है नारी बनती दीप की ज्योति है ये रुके जीवन को देती गति है
इसके हर ज़र्रे में चुनवाया है मैंने, तुम्हारी स्मृतियों के ज्योति-पुंज...! इसके हर ज़र्रे में चुनवाया है मैंने, तुम्हारी स्मृतियों के ज्योति-पुंज...!